bhrashtachar
* आज के समय में भ्रष्टाचार बहुत है कोई यहा इसे अनजान नहीं ऊपर से निचे इसमें सब शामिल है कमजोर की आवाज दबा दी जाती है शेरो का शिकार मासूम होते है जो उठाता है इस पर आवाज अक्सर उसकी जुबान काट दी जाती है इतिहास में भ्रष्टाचार आज के अखबार में भ्रष्टाचार शहर से लेकर गांव -गांव में भ्रष्टाचार कही कॉलेज में भ्रष्टाचार तो कही स्कूल में भ्रष्टाचार जो नहीं किया भष्टाचार ,उसको दबोच लिया भ्रष्टाचार चुप बैठे तो निगल लिया भ्रष्टाचार सब कहते की हम बहुत है परेशान जिधर देखो उधर है भ्रष्टाचार लोग कहते कैसे मिटेगा भ्रष्टाचार अखबार देखो तो लगता है नहीं मिटेगा भ्रष्टाचार कूड़ा का ढेर लगता है वही, जहा की सोच कूडे जैसी होती है। जहा की सरकार सोती है वही अमृतसर जैसे कांड होते है ट्रैन से मासूम लोग कुचल दिए जाते है तो कही ट्रैन हादसे में लोग मारे जाते है आवाज उठाने पे दबा...