ये वक्त ही तो हैं साहब ,एक दिन बदल जायेंगे ।
लड़कर ही परिस्थितियों से मजबूत खुद को बनायेंगे , ये वक्त ही तो हैं साहब ,एक दिन बदल जायेंगे । ये सोचकर मेहनत करते है , बदलेंगे दिन अपने , क्या पता सच हो जाए ,कहाँ जाकर सपने। समय होता हैं बहुत चंचल , ये भी लौटकर आता है , सितम न करो साहब समय सब कुछ नहीं भूल पाता है। संभलकर डालो बीज काटो का , तुम्हे भी चुभ जायेंगे ये वक्त ही तो है साहब , एक दिन बदल जायेंगे । जय हिन्द