shahr ka pradooshan

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* चारो तरफ है प्रदूषण 
    इसे बचकर जाए सब कहा 
    कारखानों में प्रदूषण , बाहर प्रदूषण 
    देखो जहा वहा प्रदूषण 
    कही कूड़ा के ढेर लगे है,कही पन्नियों में आग लगी है 
    रोड पे निकलता डीजल का  धुआँ ,
     जलाकर कूड़ा को सब फैलाते प्रदूषण 
      कही नालियों का बहता पानी 
      मिलकर गंगा में फैलाता प्रदूषण 
      जितना बोलो शब्द कम है प्रदूषण 
       जिंदगी को अन्धकार में कर रहा  है प्रदूषण 
      वृक्ष काटकर लोग बढ़ाते प्रदूषण 
न रोका किसी ने और बोलते सब बहुत है प्रदूषण ,
किसी को कुछ तो किसी को कुछ हो रही है बिमारी 
इन सबकी वजह है प्रदुषण 

   

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