maa geet

1 = आरती कीजै मात पिता की २ 


       जननी संस्कार और शक्ति की | 

       जाकी कृपा कुबुद्धि मिट जाए, सुमिरन करत सुमति आये 

      आदि भक्ति अनादि शक्ति की

     आरती कीजै मात पिता की ,जननी संस्कार  शक्ति की २ | 

      नाम जपत सब मिलत है    

       सब दुःख कटत है 

        मिलहि दर्श पावन तीनो धाम 

         आवत लक्ष्मी दिनों -दिनों  

            आदि भक्ति अनादि शक्ति की 

          आरती कीजै मात पिता की ,जननी संस्कार  शक्ति की २ | 

            लिखोगे पुराण बनोगे कवि 

        बढ़ोगे आगे करोगे नाम 

     जग सारा तेरे  गुणगान 

    जो आधार सबके शक्ति की 

  आरती कीजै मात पिता की 

  सबके जीवन की शक्ति की २ |      

           

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