shayari

1 =नहीं मालुम था  नासूर बन जायेगी ये जिंदगी 

      सजोया बहुत ख़ुशी पर सब बिखर गई 

       ऐसे स्थान पर छोड़ा  अपनों ने जब मै साहिल पर पहुंच चुकी थी। 

2 =लाखो मै मैंने सिर्फ अपने दोस्त को माँगा  

      करोडो में मैंने सिर्फ उसी को चाहा

     दीपक बनकर मै  जलती रही 

      पानी बनकर उसने बुझाया भी नहीं। 

3 =दिल में दर्द है किसको बताये 

     अपना कोई नहीं हक़ किसपे जताये। 

4 =सभी को छोड़कर आपके  पीछे भागा 

    और आपने  सोचा की कच्चा है धागा। 

 5 = दुनिया छोड़ा अपने लिए 

   इल्जाम आया  माँ पर 

   आत्मा से सुन न गया 

  तो कुछ बोल पड़ा 

एक ऊँगली  दिखा रहे हो मेरी माँ को ,

उन चार उंगलियों को  देखो जो तुम्हे धिक्कार रहे है। 

6 = नीद के लहरों  में सुनहरे सपनो में 

     सपनो  में ही था राजाओ का महल 

पर उसी महल में था  बनवासो का जहर। 

7 = ख़ुशी के तलाश में  गम मिलते गए 

 अपनों ने ही  धिक्कार दिया हर पल जहर पिते  गए 

सबके दिलो में अँधेरा था 

उजाला था सिर्फ कुबेर के यहाँ 

दर्द से छटपटा उठा ये पूरा शरीर 

प्राण निकला तो मुँह से निकला माँ। 

8 = न जाने क्यों ये जिंदगी रुलाती है 

  अब चैन कहा किसी की याद तड़पाती है 

 तड़पते दिल से निकलते आसु यू  जताती रहती है 

लौट आओ तुम्हारी याद बहुत  आती है। 




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