meri pyari maa(maa se dur jaane ka dard )

* जब माँ की याद सताती है 

 

     वो याद दिल को रुलाती है 

     तड़पता है दिल ले माँ का नाम ,लेकिन बन भी जाते है सारे बिगड़े काम 

     महीने बीत गए माँ की डाट न पड़ी 

    दिल को ये लगता है की सामने माँ है खड़ी

   अब आकर अपने आँचल में छिपाएगी और कहेगी ,अपने आसु पोछ लो वरना ये मुझे रुलायेगी। 

कास सिक्के के दो पहलु न होते 

तो मै भी माँ से जुदा  न होती 

उनकी आँचल के छाया में चैन से सोती 

माँ तो माँ होती है होता है दो जिस्म पर एक जान होती है 

हमारे दर्द में सिर्फ माँ रोती  है क्योकि वो माँ होती है 

 

2 = वो दिन भी क्या दिन होते थे 

जब हम माँ की गोद में  सोते थे। 

न तुफानो का डर  न पैसो का गम 

पर्दो के पीछे खड़े होकर कहते थे देखो यहाँ है हम 

दूर होकर आज भी सताती है वो प्यारी प्यारी यादे 

रोता दिल कहता है माँ तू कहा है

तुम से दूर होकर ये  एहसास हुआ जिंदगी में माँ क्या होती है। 


3 = माँ  तुम दूर क्यों हो 

       पास आने  के नाम पे इतनी मजबूर क्यों हो 

          क्यों बनाया दुनिया ने ये दस्तूर 

            जो जिस्म से आत्मा को करदे दूर। 


  


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