bharlo josh rag rag me
* बदलेगा जमाना तो तुम भी बदल जाना।
छिड़ेगा युद्ध तो तुम भी छेड़ देना।
सीने में गोली हाथ में तिरंगा लेना।
जो भी दुश्मन रास्ते में आये उसे जिन्दा जला देना।
* वो खून ही क्या तुम्हारा, जिसमे जोश न हो।
पाना है कुछ तो ,मेहनत का करो ऐसा नशा
जिसमे होश न हो।
* देगा वक्त तुम्हारा हरपल साथ।
मानलो आज वक्त की तुम भी बात।
* फूल खिला बागो में सबको अच्छा लगता है
पर सिचा कैसे ''पानी'' माली ने किसी ने न पूछा उसे।
जो अपना हर एक पल बस बागो को दे जाता था।
* जोश भरो खुद में इतना।
जिंदगी भी बोले।
ऐसे ही बनकर मिशाल सबके लिए।
तुम और जीना।
* तुमपे कोई एहशान करे ,खुद को इतना न गिराना।
एहशान कर सको तुम सब पे।
बस खुद को इतना काबिल बनाना।
* आसानी से कुछ मिलता तो क्या थी गिला।
तपकर ही सोना बनता है पीला।
* सुन न सके जो तुम्हारी बात।
उसे देखकर मत हो तुम हतास।
कभी सुना है तुमने की बिन मौसम होती रही महीनो बरसात।।
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