kaun hai sbse bda -sanghrs,sahsi,koshish,kismat ya buddhi
किसको क्यों ?मिली सफलता।
जानने के लिए शुरू से अंत तक पढ़िए ये कहानी।
एक गांव में पांच भाई रहते थे। एक दिन पिता ने अपने बेटे को बुलाकर कहा ,तुम पांच भाई कल शहर जाओगे और पांच साल बाद अपने मेहनत बुद्धि से सफलता हासिल करके आओगे और जिसकी सफलता सबसे अधिक होगी उसको मै अपना राजमहल दूंगा ,शहर में एक महीने रहने खाने का खर्च भी मै दूंगा।
पिता का आज्ञा मानते हुए पांचो भाई अगले दिन शहर के लिए निकल पड़ते है।
बड़े भाई का नाम संघर्ष था।
इसे छोटे भाई का नाम साहसी था ,
साहसी से छोटे भाई का नाम कोशिश था ,
इसे छोटे भाई का नाम किस्मत था ,
किस्मत से छोटे भाई का नाम बुद्धि था।
पांचो एक साथ बस अड्डे पर पहुंच गए ,सब एक दूसरे से बात कर रहे थे की कौन कहा जाएगा तभी संघर्ष ,साहसी ,कोशिश ने बोला हम दिल्ली जाएंगे।
बुद्धि -किस्मत जहा ले जायेगी हम वही जाएंगे।
ये सुनने के बाद तीनो एक साथ दिल्ली के बस में बैठ जाते है।
कुछ समय बाद किस्मत बुद्धि दिल्ली के लिए दूसरी बस में बैठ जाते है।
संघर्ष -मुझे भूख लगी है बस जहा रुकेगी हम वहा कुछ खाएंगे।
साहसी -बड़े भाई बैठो शांति से राश्ते में कोई कुछ नहीं खायेगा खतरा होता है तभी कोशिश ने बोला -कोशिश करने में क्या जाता है।
कुछ समय बाद बस एक ढाबे के पास रुकी और बोला गया की जिसे जो खाना है वो खालो यहा ।
पापा ने मुझे कम पैसे तो नहीं दिये ऐसा बोल संघर्ष अपने पैसे गिनने लगता है तभी एक चोर की नजर पड़ती है और वो हाथ से पैसे लेकर भाग जाता है।
उसे पकड़ने तीनो भाई दौड़ते है मगर चोर नहीं मिलता
साहसी कोशिश को एक थप्पड़ लगाता है और बोलता है की अब तुम कोशिश करने की बात नहीं बोलोगे।
साहसी -बड़े भाई आप हमारे पैसो से काम चला लेना अब यहाँ से चलते है वरना हम सब लूट लिए जाएंगे।
तीनो जब ढाबे पर पहुंचे तो बस जा चुकी थी।
संघर्ष - लो बस भी गई किस्मत ही खराब है किस्मत भाई को साथ लेकर आना चाहिए था।
कुछः समय बाद एक लड़की चीखती है ''बचाओ ''
संघर्ष -कोई अबला नारी हमे बुला रही है
साहसी -नहीं कोई कही नहीं जाएगा।
कोशिश -एक बार कोशिश करने में क्या जाता है 😎😎
तभी तीनो उस आवाज के तरफ जाते है पर वहा कोई नहीं मिलता।
फिर पीछे से आवाज आने लगी वैसी ही ,जब तीनो पीछे गए तो कोई नहीं था।
तभी पीछे से एक लड़की स्पर्श करते हुए कहती है
ये चोरो की बस्ती है तुम तीनो यहाँ क्या चोरी करने आये हो ,देखो अगर तुम लोग भटक गए हो तो मै तुम्हारी मदत कर सकती हु
पर एक शर्त है मुझे उसके पैसे चाहिए।
कोशिश - हा हमे दिल्ली जाना है बस मंगा दो हम पैसे दे देंगे ,
तभी कोशिस अपने पैसे निकालकर देने लगता है
और वो लड़की पुरे पैसे लेकर भागने लगती है
साहसी -पकड़ो चोरनी को।
कोशिश ,संघर्ष -वो चोरनी नहीं परी है परी।
साहसी गुस्सा करते हुए वहा से अकेले जाने लगता है तभी जोर से चिल्लाते हुए भाई हमारे पास पैसे नहीं है अब हमे भी साथ ले चलो।
साहसी -एक शर्त पर तुम दोनों को मेरे साथ अपना मुख बंद करके चलना होगा।
कोशिश - मंजूर है हमे
तभी दिल्ली के लिए एक बस आती है और तीनो उस बस में बैठ जाते है कुछ किलो मिटेर आगे जाने के बाद वो चोरनी उसी बस में आती है
और ये तीनो भाई उसपे टूट पड़ते है
पैसे दे हमारे चोरनी।
चोरनी -दीक्षा नाम है मेरा ,तमीज से नाम लो। और कौन से पैसे।
कोशिश -पैसे निकलती है या...
दीक्षा -नहीं साहब जी.. देती हु पैसे अभी पर मेरा दिल्ली जाने का किराया तो दे दो।
साहसी -ठीक है ,हम भी दिल्ली जा रहे है और सभी मनोरंजन करते हुए दिल्ली पहुंच जाते है।
वही किस्मत और बुद्धि आराम से बस में सोते हुए दिल्ली पहुंच जाते है
दिल्ली बस खाली हो गई पर ये दोनों सोते रहते है तभी एक लड़की आवाज लगाती है -
अरे ओ दिल्ली के नवाब उठ बस आगे नहीं जायेगी।
बुद्धि -तुम जाओ हमे सोने दो।
लड़की -लो भलाई का तो जमाना ही नहीं है वैसे तुम्हारा पोस्ट ऑफिस खुला है ,
ऐसा बोलने के बाद हसते हुए चली जाती है
बस कंडेक्टर -तुम लोगो को कहा जाना है बस आगे नहीं जायेगी।
बुद्धि -भाई जी हमे बाथरूम जाना है फिर हसते हुए दोनों उतर जाते है।
कंडेक्टर सोचता है की गांव से शहर बस बाथरूम करने आये है ये दोनों।
किस्मत - अब क्या करना है ,कहा जाएंगे
बुद्धि - पहले बाथरूम करते है फिर देखते है क्या करना है
जहा लिखा था ''यहाँ बाथरूम करना मना है ''
किस्मत वही करता है
पुलिस पीछे से -ये क्या कर रहे हो
किस्मत -आँख है तो देखलो।
पुलिस -आगे देख क्या लिखा है ऐसा करने पे पांच सो रूपए जुरमाना। चल निकाल पैसे
किस्मत -पांच सो रूपए बचाने के लिए वो वहां से नो दो ग्यारह हो जाता है तो वही बुद्धि पांच रूपए देकर बाथरूम में जाता है तभी उसे वहा एक चाभी मिलती है उस चाभी पे किस्मत लिखा होता है
थोड़ी देर बाद कुछ आदमी आते है और बोलते है मेरी चाभी जिसके पास मिलेगी उसे मै दस लाख रूपए दूंगा और उसे मेरी बेटी से शादी करना होगा।
बुद्धि सोचता है -इस चाभी में ऐसा क्या है जो ये इतना पागल हो रहा है
जिसे चाभी मिले इस नंबर पे फोन करे पोस्टर देखकर बुद्धि उस नंबर पे फोन करता है
बुद्धि -हल्लो पापा मै आपका दामाद बोल रहा हु चाभी मुझे मिली है।
ख़ुशी दिखाते हुए बोले पापा,दामाद जी चेहरा तो दिखाओ सामने तो आओ
बुद्धि -पहले मुझे दस लाख चाहिए उसके बाद आपकी बेटी से शादी करूँगा और चाभी दूंगा ।
पापा -बेटा तुम्हे तुम्हारे पैसे मिल जाएंगे पर उसे पहले तुम्हे मेरी बेटी से शादी करनी पड़ेगी।
बुद्धि -मंजूर है बुलाओ अपनी बेटी को मै भी आ रहा हु
लड़की जब आती है तो बुद्धि उसे देखकर बेहोस हो जाता है क्योकि लड़की सो किलो से ऊपर होती है।
जब बुद्धि को होस आता है तो वो पैसो के लिए उसे शादी कर लेता है
और कम समय में ज्यादा पैसा कमा लिया अब पापा खुश हो जाएंगे ऐसा सोच गांव चला जाता है।
अब बात करते है किस्मत की=
पुलिस से बचने के लिए किस्मत एक सुनसान कोठी में जा छुपता है
तभी दादी की आवाज आती है -
मेरा बेटा आ गया क्या ? बेटा तुम आ गए।
किस्मत -मै आपका बेटा नहीं हु पुलिस के डर से मै यहां छूपने आया था।
दादा -दादी को कम दिखाई देता है उनकी आखो की रौशनी कम होती है।
आखो में आसु लेकर होठो पे बस एक ही सवाल
मेरा बेटा कब आएगा ? बेटा मेरे बेटे को बुला दो।
ये सुनकर किस्मत के आखो में आसु आ जाता है क्योकि किस्मत की माँ बचपन में ही मर चुकी थी इसीलिए माँ का प्यार क्या होता है उसे देखकर रोने लगता है
किस्मत दादी के आसु पोछकर उनको गले लगा लेता है और रोते हुए आवाज में बोलता है -
आप मुझे अपना बेटा समझ सकती है।
किस्मत उन्ही के घर में रहने लगा और उनकी सेवा करने लगा। उनको डॉक्टर को दिखाया जिसे आखो की रौशनी भी आ गई दादा- दादी के
किस्मत की किस्मत खुल गई और दादा- दादी को
बेटे के साथ -साथ उनकी आखो की रौशनी भी मिल गई।
अब देखते है संघर्ष ,साहसी ,कोशिश के जिंदगी में क्या चल रहा है।
तीनो ने दिल्ली में एक कमरा लिया और अगले दिन काम खोजने के लिए निकल गए।
एक महीने बीत गए पर तीनो भाइयो को काम नहीं मिले
संघर्ष ने बहुत संघर्ष किया पर बार -बार कोशिस नहीं किया और हार मान लिया उसे लगा की वह बहुत संघर्ष कर चूका है अब और नहीं करेगा। ये शहर उसके लिए नहीं बना है ऐसा कहते हुए गांव लौट जाता है।
साहसी भी बहुत साहस दिखाता है ,काम के खोज में कई किलो मिटेर पैदल चला जाता है ऐसा बार -बार करने के बाद अंत में उसे काम मिल जाता है
पर वहा पे पगार बहुत कम मिलती है ,साहसी बोलता है की उसकी पगार और बढ़ा दी जाए वार्ना वो काम नहीं करेगा।
अधिकारी -ऑफिस है ये मेरा ,यहाँ मेरा ही चलेगा।
करोगे अगर मेहनत तभी पैसा मिलेगा।।
साहसी -खून है मेरे अंदर पानी नहीं ,काबिल हु पगार के लिए इसे ज्यादा।
तुम मुझे नौकरी दे रहे हो मेरी काबिलियत पे ,
ये तुम्हारी मेहरबानी नहीं।
ये सुनकर अधिकारी सोचता है की लड़के के बातो में दम है।
और एक शर्त रखकर उसे नौकरी दे देता है (शर्त होता है कंपनी का पांच गुना विकास करना।
साहसी ने शर्त मंजूर कर लिया।
अपने मेहनत ,ईमानदारी ,लगन साहस से छोटी कंपनी को बड़ी कंपनी बना देता है जिसे उसका मालिक खुश होकर उसकी पगार दस गुना ज्यादा कर देता है
अब कोशिश की जिंदगी में क्या क्या कोशिश हो रही है आईये जानते है ?
ये क्या कोशिश तो गली -गली सब्जिया बेचने लगा ,लगता है कोशिश को कोई अच्छा काम नहीं मिल पाया।
कोशिश को सब्जियों में ज्यादा फायदा नहीं हो पा रहा था शुरुवात में फिर भी उसने हार नहीं मानी।
एक साल बाद ही उसने अपना दूकान बना लिया और नौकर भी रख लिए घर -घर सब्जी पहुंचाने के लिए।
ये क्या इतनी भीड़ ,लगता है कोशिश की कोशिस कामयाब हो गई।
कोशिस ग्राहक बनाने के लिए जितने में सब्जी खरीदता था उसी दाम में ही अच्छी सब्जिया बेच भी देता।
ऐसा सिर्फ एक महीने करने से कुछ सालो बाद ही कोशिश की पहचान बन गई और उसने सफलता हासिल कर लिया।
पांच साल बाद जब घर लौटने का समय आता है
कौन क्या हासिल करके जा रहा है आईये जानते है
*संघर्ष तो पहले ही घर जा चूका रहता है हार मान कर।
*साहसी -ईमानदारी और मेहनत के व्दारा बहुत सारा पैसे लेकर जाता है।
*कोशिश अपने कोशिश के साथ मेहनत करते रहना हार न मानना की मिशाल बनकर जाता है पैसो के साथ।
*किस्मत अपनी किस्मत के साथ दादा दादी को लेकर जाता है।
*बुद्धि, मोटी बीबी के साथ दस लाख रूपए लेकर जाता है।
अब इनमे से ऐसा कौन है जो हर मोहोल में ढल सकता है पापा ने ऐसा बोलते हुए -
''साहसी''और ''कोशिश'' का नाम लिया।
और अपना राजमहल धनदौलत सब उन दोनों के नाम कर दिया।
जिंदगी जीने के लिए कुछ रूपए घर उन तीनो के नाम कर दिया।
* उद्देश्य - इस दुनिया में कोशिश और साहस से सब कुछ हासिल किया जा सकता है।
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